केरागः
हे हे हे ...............नां हाई नाहाई नाहाई नाहांई रे नाइन ताहाहै... नाइ नाई नाहाई न
करुणा मयहेवम्ह मछिनहीन्दर नाहाहाथ: (धू)।। अरुणाया उन अरुणाया उन रूप हे राम रुपह जुया वहन जय जय मछिनहीन्दर नाथ।।१।। बिना तिना नाराहायण स्वय वस रहसहन ।। हरसिद्धि इश्वर हरसिद्धि इश्वर भइ हेरम भइहिरव दरसहन जय जय मछिनहीन्दर नाथ।।२।। जोगिन्द्र रिन्द्रह प्रभु नरेन्हेन्दर महाराहाजा।। ललिता पुरिसं ललितापुरिसं अन्न हेराम अन्न भरी पुहुर्ण जय जय मछिनहीन्दर नाथ।।३।।
करुणा मय